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Tag तथ्यों की जांच

पोस्ट का झूठा दावा: सौर चक्र जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहे हैं

दावा: सूर्य जलवायु को नियंत्रित करता है और सौर चक्र ब्रे और एड्डी जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहे हैं। तथ्य: अनुचित सूचना। साक्ष्य बताते हैं कि सौर चक्र हाल के जलवायु परिवर्तन का कारण नहीं बन रहे हैं। पोस्ट…

पोस्ट का दावा CO2 में बढ़ोतरी के बावजूद अंटार्कटिका में गर्मी न होने के संकेत

द्वारा: सुजा मैरी जेम्स दावा: बढ़ती CO2 सांद्रता वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के लिए जानी जाती है, विशेष रूप से ध्रुवों के ऊपर परंतु अंटार्कटिका का तापमान गर्म नहीं हो रहा है। तथ्य: कुल मिलाकर अंटार्कटिक क्षेत्र में तापमान की…

पोस्टों में उत्तरी गोलार्ध में बर्फ की परत में थोड़ी बढ़ोतरी का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन एक धोखा है

दावा उत्तरी गोलार्द्ध में बर्फ के आवरण में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से साबित होता है कि ग्लोबल वार्मिंग नहीं हो रहा है और जलवायु परिवर्तन एक धोखा है। तथ्य उत्तरी गोलार्ध में समस्त बर्फ कवर सीमा (SCE) में गिरावट की प्रवृत्ति…

अगर ग्लोबल वार्मिंग वास्तव में है तो यह इतना ठंडा क्यों है?

दावा ग्लोबल वार्मिंग नाम की कोई चीज नहीं है, वरना सर्दियों में इतनी ठंड नहीं होती। तथ्य ग्लोबल वार्मिंग के कारण सर्दियों में ठंड और अधिक प्रचंड हो सकती है। वह क्या दावा करते हैं सोशल मीडिया पर कई पोस्ट…

EV उत्सर्जन को खत्म नहीं करते हैं लेकिन उन्हें कहीं और निर्यात करते हैं। सही या गलत?

हमें एक वायरल यूट्यूब रील मिला, जिसमे दावा किया कि इलेक्ट्रिक वाहन उत्सर्जन को खत्म नहीं करते हैं, बल्कि उन्हें कहीं और निर्यात करते हैं। एक ही वीडियो में इलेक्ट्रिक वाहनों के संदर्भ में कई अन्य संदिग्ध दावों को शामिल…

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CO2 कैंसर से ज्यादा घातक है

दावा संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि CO2 कैंसर से ज्यादा घातक है। तथ्य संयुक्त राष्ट्र यह नहीं कह रहा है कि CO2 कैंसर से ज्यादा घातक है, बल्कि, यह कह रहा है कि कार्बन उत्सर्जन अधिक रहने पर स्वास्थ्य…

तथ्यों की जांच | नेट ज़ीरो तक पहुंचने के लिए ‘ईवी बैटरी के लिए लिथियम/कोबाल्ट’ पर्याप्त नहीं हैं?

दावा हर 10 सालों में ईवी बैटरीज़ को बदलने के लिए विश्व में पर्याप्त लिथियम/कोबाल्ट नहीं हैं। नेट ज़ीरो असंभव है, ‘रेयर अर्थ’ से बेकार नवीकरणीय प्रौद्योगिकी और सस्ते तेल/गैस/कोयला ऊर्जा की बर्बादी हुई है। तथ्य भ्रामक दावा। वर्तमान समय…

क्या भारत का वन आवरण वास्तव में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है?

दावा पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत के वन आवरण में लगातार वृद्धि हुई है। तथ्य भटकाना। भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) में ‘वन आवरण’ की वर्तमान परिभाषा प्राकृतिक वनों और वृक्षारोपण के बीच अंतर नहीं करती है। इसने चाय…

‘दिवाली के लिए हरे पटाखे’ कुछ और नहीं बल्कि ‘ग्रीनवॉशिंग’ है

दावा हरे पटाखे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। वह मनुष्यों या पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं। तथ्य अगर औपचारिक पटाखों की तुलना में ‘हरे पटाखों’ से वायु और ध्वनि प्रदूषण में कुछ हद तक ही कमी आती…